Interesting Facts About Supreme Court In Hindi - सर्वोच्च न्यायालय के बारे में रोचक तथ्य

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के बारे में हम कुछ रोचक तथ्यों को बताने का प्रयास कर रहे हैं । और उम्मीद करते हैं कि आप इन तथ्यों को जानकर सर्वोच्च न्यायालय की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे । यह न्यायालय किस प्रकार कार्य करती है ? इसके अधिकार क्षेत्र क्या-क्या हैं ? और किन-किन मुद्दों पर यह कार्य कर सकती है ?


1. सर्वोच्च न्यायालय हमारे देश का सबसे उच्चतम न्यायालय है।

2. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश होता है।

3. सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश के साथ 25 अन्य न्यायाधीश तक हो सकते हैं।

4. इसके मुख्य न्यायाधीश और दूसरा न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

5. मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए यदि राष्ट्रपति उचित समझे तो उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय कि दूसरे जजों से सलाह ले सकता है।

6. लेकिन दूसरे न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वह मुख्य न्यायाधीश से ही सलाह लेता है।

7. मुख्य न्यायाधीश आवश्यक अवधि के लिए  तदर्थ ( Adhoc ) न्यायाधीश चुन सकता है।

8. सर्वोच्च न्यायालय का चार्ज जज होने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति भारत का नागरिक हो । कम से कम 5 वर्ष उच्च न्यायालय का जज रहा हो । और कम से कम 10 वर्ष उच्च न्यायालय का एडवोकेट रहा हो। तथा राष्ट्रपति की राय में प्रसिद्ध न्याय विद रहा हो ।

9.यह भारत सरकार और राज्य सरकारों के विवादों तथा राज्य सरकारों के आपसी विवादों को तय कर सकता है। इसमें चाहे किसी तथ्य का झगड़ा हो या न्याय संबंधी हो।

10. यह मौलिक अधिकारों को अपनी शक्ति से लागू करवा सकता है।

11. उच्च न्यायालय द्वारा तय किए गए दीवानी और फौजदारी के मुकदमों के पुनर्विचार की याचिकाएं भी यहाँ फैसले के लिए आती हैं।

12. जनहित के मामलों को राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय की सलाह के लिए भेज सकता है।

13. यह जनहित की याचिकाओं को सीधे भी सुन सकता है तथा उन पर अपना निर्णय दे सकता है।

14. सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी फैसला देश के सभी न्यायालयों को मानना पड़ता है।

15. सर्वोच्च न्यायालय के कार्य क्षेत्र में मंत्रणा भी शामिल किया गया है।

16. यदि राष्ट्रपति किसी जनहित के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से मंत्रणा लेना चाहता है तो सर्वोच्च न्यायालय उस पर विचार करके राष्ट्रपति को अपनी सहमति भेजता है।

17. केंद्रीय संसद या किसी राज्य के विधानमंडल के समक्ष यदि कोई ऐसा विधेयक हो जिसके संविधान के अनुकूल या प्रतिकूल होने में संदेह हो तो राष्ट्रपति इसके संबंध में सर्वोच्च न्यायालय से मंत्रणा कर सकता है।

18. सर्वोच्च न्यायालय अपने ही फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।

19. यहां पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधी मुकदमों का भी फैसला किया जाता है।

20. कानून के अंतर्गत की गई किसी गिरफ्तारी को सर्वोच्च न्यायालय नहीं रोक सकता।

21. राज्य सरकार द्वारा जनता की जायदाद लेने के बदले दिए गए मुआवजे के मामले में सर्वोच्च न्यायालय उसकी उचितता या अनुचितता के मामले में अपना निर्णय नहीं दे सकता।

22. सर्वोच्च न्यायालय निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन मैं बांधा नहीं डाल सकता।

23. राष्ट्रपति द्वारा आपातकालीन स्थिति की घोषणा  मैं यह न्यायालय अपनी राय नहीं दे सकता।

24. कोई अध्यादेश मुद्रा से संबंधित है या नहीं , स्पीकर के इस निर्णय में या कोई प्रश्न नहीं उठा सकता।

25. संक्षेप में कहा जा सकता है कि सर्वोच्च न्यायालय हमारे संविधान और मानवीय अधिकारों और न्याय का संरक्षक है।
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