स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी का निर्माण अमेरिका के जन्म और इसकी फ्रांस के साथ मैत्री की यादगार को जीवित रखने के लिए किया गया था। यह मूर्ति न्यूयॉर्क बंदरगाह के मुहाने पर वादलोस आईलैंड पर स्थापित है। इसकी स्थापना इसके निर्माता फ्रेडरिक ऑगस्ट बरथोलडी की इच्छा अनुसार इस स्थान पर की गई थी।
इस मूर्ति के निर्माण की योजना फ्रांस के प्रसिद्ध इतिहासकार एडवर्ड दा लैबोलय ने अमेरिका के युद्ध के बाद बनाई थी। इसके निर्माण में होने वाला खर्च फ्रांस के लोगों द्वारा वहन किया गया था। इसकी स्थापना के लिए जो 150 फुट का चबूतरा बनाया गया, उसका खर्च अमेरिका द्वारा वहन किया गया था। इस मूर्ति का निर्माण वोर्थोल्डो नामक मूर्तिकार की देखरेख में हुआ था। यह मूर्ति तांबे की चादर से बनाई गई थी ,तथा अंदर से खोखली है। इस 45.12 मीटर (152 फिट) ऊंची और 2250 कुंतल वजन वाली मूर्ति का निर्माण सन 1825 में पूरा हुआ। निर्माण के बाद इसे जलयान द्वारा न्यूयॉर्क भेजा गया, जहां इसे वैदलोस आइलैंड पर बनाए गए चबूतरे पर स्थापित किया गया। इस मूर्ति का उद्घाटन राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड ने 28 अक्टूबर 1886 को किया। इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 91.20 मीटर है। यह मूर्ति एक स्त्री की है जिसका सीधा हाथ ऊपर उठा हुआ है और इसी हाथ में एक मसाल है। इस के बाएं हाथ में एक गोल तश्तरी है जिस पर 4 जुलाई 1776 की तारीख खुदी हुई है। जिस चबूतरे पर इसे स्थापित किया गया है उसमें एक लिफ्ट लगी हुई है तथा स्प्रिंग के आकार की सीढ़िया भी हैं। इनके द्वारा आप मूर्ति के मुकुट के ऊपर पहुंच सकते हैं जिसे निरीक्षण टावर की तरह बनाया गया है। आरंभ में यह मूर्ति प्रकाश स्तंभ बोर्ड के अधीन थी क्योंकि इसकी मशाल नाविकों के लिए प्रकाश स्तंभ का काम करती थी। सन 1901 मैं इस मूर्ति को वार डिपार्टमेंट के हाथों सौंप दिया गया। सन 1924 में इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया गया। सन 1956 में वैदलोज आईलैंड का नाम बदलकर लिबर्टी आइलैंड रख दिया गया। निश्चय ही यह विशाल मूर्ति स्वतंत्रता और समानता की प्रतीक है। यह मूर्ति स्वतंत्रता प्रेमी फ्रांस निवासियों का अमेरिका को एक अनुपम उपहार है। इसे अमेरिकी स्वतंत्रता की 100 वीं वर्षगांठ पर फ्रांस निवासियों द्वारा भेंट किया गया था।
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