अपराधियों की एक संस्था है माफिया जिसका जन्म 13वीं शताब्दी में इटली में हुआ था। इस संस्था के सदस्य ऐसे अपराधी लोग हैं जो किसी भी सरकारी कानून को नहीं मानते किसी भी समस्या से निपटने के लिए इनके अपने ही कानून हैं। इस संस्था का जन्म जमीदारी के आमानवीय अत्याचारों के विरोध में हुआ था। यह संस्था शुरू शुरू में अपने देश में ही शक्तिशाली हुई लेकिन बाद में विश्व भर में इसकी जड़े फैलती गई । इटली की बहुत सी सरकारों ने कई बार अपराधियों के इस संस्था को दबाने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिल सकी । सैकड़ों वर्षो से यह संस्था फलती फूलती रही है और अपने ही विचित्र तरीकों से गुप्त तरीके से तथाकथित न्याय भी प्राप्त करती रही है। उस जमाने में इटली में भ्रष्ट सरकार और सरकारी अफसर गरीबों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करते थे। माफिया के नेता ऐसे ही लोगों से बदला लिया करते थे।
अमीरों से लूटी हुई संपत्ति इस संस्था के लोगों का हिस्सा हुआ करता था । उनकी न्याय करने की पद्धति बहुत ही जटिल थी । गलत काम करने वाले लोगों को और उनके परिवारों से बदला लेना भी इस संस्था के कामों में शामिल था । 1860 मैं बोरबोन की राजशाही के पतन के बाद इटली की सरकार ने माफिया के दमन में कुछ सफलता हासिल कर ली । लेकिन तब तक यह इतनी बड़ी संस्था बन चुकी थी जिसे दबाना बहुत मुश्किल हो गया। सन 1920 के दशक के आरंभ में मुसोलिनी की शासन व्यवस्था के अंतर्गत लगभग माफिया का अंत हो गया । लेकिन 25 वर्ष बाद दोबारा अपराधी लोग संगठित हो गए । द्वितीय महा युद्ध के दौरान भूमि के कानून में कुछ सुधार होने के बाद माफिया की शक्तियां मध्य और पश्चिमी सिसली में कुछ कम हो गई । लेकिन औद्योगिक व्यापारिक और शहरी गतिविधियों में इसकी पकड़ गहरी हो गई ।
गत कुछ वर्षों से टापू पर रहने वाले इस संस्था के कुछ मुख्य नेताओं को ढूंढ निकालने में कोशिश किया जा रहा है । 19वीं शताब्दी के अंत में और बीसवीं शताब्दी के आरंभ में सिसली और इटली के कुछ ऐसे समूह जिनमें माफिया के भी कुछ सदस्य थे ,अमेरिका जाकर बस गए । सन 1930 के दशक में अमेरिका में भी माफिया जैसी एक संस्था संगठित हो गई जो कोई भी अपराध करने में नहीं डरती थी । कुछ अधिकारियों का तो यहां तक कहना है कि अपराध करने वालों की एक बड़ी संगठित व शक्तिशाली संस्था है। सन 1850 और 60 के बीच में अमेरिकी सरकारी सूत्रों से यह पता चलता था कि माफिया के संरचना वहां पर भी सिसली से मिलती जुलती थी ।
यहां तक संस्था कोसा नोष्ट्रा के नाम से जानी जाती है । सन 1950 और 60 के दौरान माफिया की गतिविधियां 25 व्यक्तिगत समूह द्वारा संचालित होती थी । प्रत्येक शहर में अपराधियों का एक समूह था अकेले न्यूयॉर्क शहर में ही ऐसे पांच समूह थे । प्रत्येक समूह के सबसे ऊंचे अधिकारी को बॉस या डॉन कहते हैं । प्रत्येक डॉन का एक उपडॉन होता था जो मुख्य बॉस के आदेशों के अनुसार कार्य करता था । इसके नीचे लेफ्टीनेंट और लेफ्टिनेंट के नीचे बहुत से कार्यकर्ता होते थे। यह संस्था वेश्यावृति , जुआवजी और नशीली औषधियों से संबंधित अपराध करती थी ।
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