हाथ मिलाना संसार में अभिवादन का एक जाना पहचाना तरीका बन गया है जहां कहीं भी लोग मिलते हैं एक दूसरे से हाथ मिला कर दोस्ती और अपनेपन का परिचय देते हैं लेकिन क्या तुम जानते हो कि हाथ मिलाने का सिलसिला कैसे शुरू हुआ?
आदिकाल से ही हाथ को शक्ति का प्रतीक माना जाता रहा है । शुरू शुरू में हाथ का प्रयोग दुश्मनों का सफाया करने , जानवरों को मारने और हथियार बनाने में किया जाता था । जब मानव ने अपनी भाषा नहीं बना पाई थी तब कोई व्यक्ति किसी की तरफ हाथ बढ़ाता था । तो यह माना जाता था कि उसका इरादा नेक है । और वह दोस्ती करना चाहता है । प्राचीन धर्मों में भी हाथ को शक्ति का प्रतीक माना गया है । जब यूनानी लोग अपने देवताओं की पूजा करते थे तो सम्मान में अपने हाथ ऊपर उठा देते थे।
किसी समय हथेली से हथेली जोड़कर नमस्ते करने को सम्मान सूचक माना जाता था । भारत वा एशिया के कई देशों में यह परंपरा आज भी प्रचलित है । मध्य पूर्व में लोग एक दूसरे के आगे बढ़े हाथों को चूम कर अभिवादन करते हैं । हाथ मिलाने का सिलसिला यूनान से शुरू हुआ ।
प्राचीन यूनान में जब कोई व्यक्ति किसी अजनबी से दोस्ती करना चाहता था तो उसकी तरफ दाया हाथ बढ़ा देता था । आज संसार के अधिकांश देशों में भिन्न भिन्न संस्कृतियों के होने के बावजूद कुछ आपवादों को छोड़कर हाथ मिलाना आपसी अभिवादन का सबसे अधिक प्रचलित तरीका बन गया है । उदाहरण के लिए अधिकतर जापानी हाथ नहीं मिलाते वरन एक दूसरे के सामने झुक कर अभिवादन करते हैं । वह दूसरे व्यक्ति के प्रति अपने सम्मान के अनुसार कम या अधिक झुकते हैं । भारत में अधिकांश लोग परस्पर नमस्ते करते हैं । अभिवादन का यह तरीका धीरे-धीरे विदेशों में भी लोकप्रिय होता जा रहा है । यद्यपि अभिवादन करने के भिन्न-भिन्न तरीके अलग-अलग देशों में आज भी प्रचलित है । पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के कारण हाथ मिलाने का तरीका सबसे अधिक प्रचलित हो गया है । किसी व्यक्ति से हाथ मिलाकर आप उसके छिपे हुए व्यक्तित्व को जान सकते हैं । दूसरे के हाथ को दृढ़ता और सिस्टाचार से पकड़ना हैंडसेट करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है । इससे मित्रता और अपनेपन की भावना प्रकट होती है । आपसी परिचय , विदाई , बधाई , कृतज्ञता आदि प्रकट करने के साथ ही आपस में हाथ मिलाया जाता है । जब किसी समूह या संस्था से औपचारिक रूप से विदा लेते हैं या उनमें शामिल होते हैं तो उसके प्रत्येक सदस्य से भी हाथ मिलाना एक रिवाज बन गया है । किसी जन नेता द्वारा सार्वजनिक समारोह में सबसे अधिक लोगों से हाथ मिलाने का रिकॉर्ड अमेरिका के राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने नववर्ष समारोह के अवसर पर 1 जनवरी 1907 को 8513 लोगों से हाथ मिलाकर स्थापित किया था । तथापि सबसे अधिक लोगों से हाथ मिलाने का रिकॉर्ड कनाडा के स्कॉट्कीलोन का है । उन्होंने एक्सपो –92 में प्रदर्शनी में 8 घंटे के अंदर 25000 दशकों से हाथ मिलाए थे ।
आज सारे संसार में हाथ मिलाने को मित्रता का प्रतीक माना जाता है । जब भी कोई देश किसी दूसरे देश को कोई मैत्री सूचक उपहार देता है । तो उस पर चित्र के रूप में " दो हाथ को मिलते हुए " अर्थात हैंड सेक करते हुए दिखाया जाता है।
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