आज हम आपको भारत की एक बहुत बड़ी नदी घाटी परियोजना के बारे में बताने जा रहे हैं । जिसका नाम दामोदर नदी घाटी परियोजना है । हम आपको बताएंगे कि यह नदी घाटी परियोजना कहां पर है । इसका निर्माण क्यों किया गया तथा इससे क्या-क्या फायदे हैं। इससे हमारे जीवन स्तर में क्या सुधार आया है । और किन-किन स्थानों को इससे फायदा मिला है ।
1. दामोदर नदी बिहार राज्य की एक महत्वपूर्ण नदी है जो इसके पलामू जिले में छोटा नागपुर पठार की 610 मीटर ऊंची पहाड़ियों से निकलती है।
2. बिहार राज्य में 290 किलोमीटर की लंबाई में प्रवाहित होने के उपरांत पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर जाती है।
3. या तो सो 40 किलोमीटर यात्रा बिहार में तय करने के पश्चात कोलकाता से 50 किलोमीटर नीचे हुगली नदी में मिल जाती है।
4. या नदी अपनी भयंकर बाढ़ों के लिए प्रसिद्ध है और इसीलिए इसे बिहार वह पश्चिम बंगाल में शोक नदी कहा जाता है।
5. जमुनिया , बाराकर , कोनार तथा बोकारो इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
6. इसके ऊपरी घाटी बिहार के पलामू , हजारीबाग , रांची सिंह भूमि तथा संथाल परगना के जिलों में तथा निचली घाटी पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा , बर्दवान , मिदनापुर तथा हावड़ा जिलों में फैली हुई हैं।
7. अपने ऊपर ही घाटी में वर्षा ऋतु में अत्यधिक वर्षा होने के कारण या नदी अत्यंत तीव्र गति के साथ प्रवाहित होती है तथा अपने किनारों की मिट्टी को काटकर अपने साथ बाहर ले जाकर निचली घाटी में स्थापित करती है।
8. जिसके फल स्वरुप वर्षा ऋतु में पश्चिम बंगाल में अपनी निचली छीछली घाटी में यह नदी पूर्ण जल पल्लवित होकर अपने किनारों के ऊपर से होकर बहती है।
9.यह नदी जंगलों , फसलों , मकानों , यातायात तथा दूरसंचार के साधनों को नष्ट करते हुए अपने साथ मनुष्य तथा पशुओं को बहा ले जाकर अत्यंत नुकसान पहुंचाती है।
10. इस प्रकार यह नदी अपनी घाटी के लगभग 20000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के निवासियों निवासियों के आर्थिक जन जीवन को पूरी तरह अस्त व्यस्त कर देती है।
11. बाढ़ के विकराल रूप एवं गंभीरता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि सामान्य बाढ़ के समय बर्दवान जिले में रोहनदरिया नामक स्थान के समीप किस नदी का जल प्रवाह 250000 क्यूसेक रहता है।
12. सन 1923 से 1943 के बीच इस नदी में 16 बार भीषण बाढ़ आई।
13. जिसमें 1913 , 1919 ,1935 तथा 1943 की बाढ़ अत्यंत भयानक थी।
14. इस समय बाढ़ के जल का प्रवाह 650000 क्यूसेक अनुमानित किया गया है।
15.नदी की विध्वंसआत्मक कार्यवाही से होने वाले अपार जनधन की हानि को ध्यान में रखते हुए सन 1948 में भारत सरकार द्वारा दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई।
16. इस निगम का मुख्य उद्देश्य बिहार एवं पश्चिम बंगाल के घाटीवरती क्षेत्र का अधिक विकास करना एवं यहां के निवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा करना था।
17. इस परियोजना का निर्माण मुख्यता बाढ़ के नियंत्रण हेतु किया गया था।
18. सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण करना तथा आवश्यक जल की आपूर्ति करना इस परियोजना में शामिल था।
19. जल विद्युत उत्पन्न करके उद्योगों के लिए शक्ति उपलब्ध कराना तथा नहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकाश हेतु विद्युत आपूर्ति करना इस परियोजना का लक्ष्य था।
20. जल परिवहन तथा नौकरोहण की सुविधाएं विकसित करना भी इस परियोजना का अंग रहा।
21. इस परियोजना के माध्यम से वन क्षेत्र की वृद्धि करना तथा उनके सिंचाई में सहायता करना।
22. भूमि क्षरण को नियंत्रित करना तथा उनकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाना दामोदर नदी घाटी परियोजना मैं सम्मिलित रहा।
दामोदर नदी घाटी परियोजना से इन सभी कार्यों को संचालित करने में विशेष महत्व एवं सरलता उपलब्ध हुई है। तथा जनसाधारण के जीवन स्तर को सुधारने में एक अतुलनीय प्रयास मिला है। उनके जीवन स्तर में काफी हद तक सुधार लाया जा चुका है । यह परियोजना हमारे देश के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई।
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