अब यह पता लगाने के लिए किसी रोगी को किस रोग के कारण कष्ट हो रहा है डॉक्टर अनेक प्रकार के वैज्ञानिक यंत्रों और उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं । कैट स्कैनर चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिकतम उपकरण है । जिससे रोगी के सही रोग का पता चल जाता है । वास्तव में या यह एक्स –रे का एक सुधरा हुआ नया रूप है । जिससे रोग का निदान किया जाता है । इसके द्वारा मस्तिष्क , जिगर ,पेट आदि किसी भी अंग में होने वाले रोग का पता चल सकता है।
1. अंग्रेजी का यह CAT शब्द ( Computerised Axial Tomography ) का संक्षिप्त रूप है।
2. ब्रिटेन के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर गॉडफ्रे हाउस फील्ड और अमेरिका के चिकित्साशास्त्री आलान कोरमेक ने सन 1972 में CAT का आविष्कार किया था।
3. सन 1979 में इन दोनों वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से चिकित्सा विज्ञान का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया।
4. कैट स्केनर दो प्रकार के होते हैं – हेड स्कैनर और बॉडी स्केनर।
5. हेड स्केनर का उपयोग मस्तिष्क की बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है इसके द्वारा दिमाग में होने वाला फोड़ा , चोट , रक्त स्राव , खून में थक्का पड़ जाना आदि का पहचान किया जाता है।
6. बॉडी स्केनर का उपयोग आमाशय , जिगर , वक्षस्थल आदि की बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
7. कैट स्केनर में एक एक्स-रे का स्रोत होता है जिसके द्वारा शरीर के किसी भी अंग पर एक्स रे डाली जा सकती है।
8. इस एक्स-रे स्रोत के सामने कई प्रकार के डिटेकटर लगे रहते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों को सूचनाएं प्राप्त करते हैं।
9. एक्स-रे स्रोत और डिटेक्टर्स के बीच में मरीज के लेटने के लिए एक स्ट्रेचर होता है यह एक मोटर से चलता है।
10. डिटेक्टर्स सोडियम आयोडीन , कैल्शियम क्लोराइड और बिसमुथ जर्मिनेंट के बनाए जाते हैं।
11. आधुनिक उपकरणों में 300 डिटेक्टर्स तक हो सकते हैं।
12. एक्स-रे स्रोत दो से 3 सेकंड के अंतर से एक्स किरणे उत्पन्न करता है जो शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ती है।
13. अंगों के कोषों को पार करते हुए यह उनसे संबंधित सूचनाएं विभिन्न डिटेक्टर्स के पास ले जाती है।
14. यह सारा डिटेक्टर्स एक कंप्यूटर के माध्यम से आपस में जुड़े रहते हैं।
15. उदाहरण के लिए एक स्केनर जिसमें 300 डिटेक्टर्स हो 300 एक्स एक्सरे संकेत मिलने के बाद 300×300 = 90000 संकेत कंप्यूटर को भेजेगा।
16. इन संकेतों को पाने के बाद कंप्यूटर उनका विश्लेषण करता है और उनको चित्र के रूप में टीवी में दिखाता है।
17. इसके लिए कंप्यूटर टीवी से जुड़ा रहता है कंप्यूटर से जो संकेत आते हैं वह कोसों के घनेपन में होने वाली विभिन्नता के अनुसार होते हैं।
18. टीवी के परदे पर यह संकेत शारीरिक अंगों के चित्रों के रूप में दिखाई देते हैं।
19. इन चित्रों से रोग के कारण का पता चल जाता है । एक ब्रोमाइड पेपर पर टीवी में देखने वाले चित्र स्थाई रूप से रिकॉर्ड हो जाते हैं।
20. इन चित्रों को देखकर डॉक्टर रोग का पता लगा लेते हैं और उसके अनुसार ही उचित चिकित्सा शुरू कर देते हैं।
21. कैट स्कैनर का दूसरा लाभ यह है कि इससे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि और रोगी को दी जाने वाली दवा से उससे कुछ लाभ हो रहा है या नहीं।
22. यह सुचना रोगी के शरीर की बार-बार इस करनी करने के बाद प्राप्त हो जाती है।
23. आजकल लगभग सभी अच्छे अस्पतालों में लोगों का पता लगाने के लिए कैट स्कैनर का प्रयोग किया जा रहा है।
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