उत्तर पूर्वी आयरलैंड के अंतरिम तट पर स्थित जायंट्स कॉसवे (Giants's causeway) प्राकृत की कारीगरी का एक अद्भुत नमूना है । इस स्थान पर एक जैसे सतभूजिये (hexagonal) पत्थरों के स्तंभ है । जो किसी संगतराश की कला के अद्भुत नमूने प्रतीत होते हैं । कॉसेवे में पत्थरों के ऐसे 32 हजार से अधिक स्तंभ हैं । जो एक दूसरे के आसपास स्थित हैं ।
पत्थरों की आकृतियां लगभग 183 मीटर तक फैली हुई हैं । इन स्तंभों का व्यास 15 से 20 इंच है । तथा इनमें से कुछ की ऊंचाई 9 मीटर तक है । इनमें से अधिकतर पत्थर छह कोन वाले हैं । किंतु इनमें से बहुत सारे पत्थर पंचभुज , सप्तभुजीय तथा दूसरे रूप में भी मिलते हैं । कुछ स्थानों पर कॉजवे 40 फुट चौड़ा है । जहां पर या सबसे अधिक संकुचित है वहां पर इसकी ऊंचाई भी सबसे अधिक है । प्लीसकिन नामक स्तंभ की ऊंचाई तो 400 फुट तक है । क्या तुम जानते हो कि प्राकृतिक के यह अद्भुत दृश्य का निर्माण कैसे हुआ ? जॉइंट्स का निर्माण के विषय में कई कहानियां हैं । एक कथा के अनुसार इसका निर्माण देशों की एक जाति द्वारा किया गया जिन्होंने इसे स्टाफा तक जाने के लिए रास्ते के रूप में बनाया । स्टाफ में भी एक ऐसी ही रचना देखने को मिलती है । इस संबंध में एक कथा इस प्रकार है ।
दो भीमकाय दैत्यों के बीच एक दूसरे से दूर पत्थर फेंकने का मुकाबला हुआ । जिस दैत्य का पत्थर कम दूरी पर गिरा वह अपमान से गिरकर धरती पर मर गया । उसके गिरने से ही पत्थरो की यह अद्भुत आकृति निर्मित हुई । ये सब तो मात्र कपोल कथाएं है । कॉस्वे के निर्माण की वास्तविकता कुछ इस प्रकार है । लगभग 5 करोड़ वर्ष पहले एंटीरम विशाल ज्वालामुखी के क्षेत्र के मध्य स्थित था । इसके एक ओर स्कॉटलैंड , आइसलैंड और ग्रीनलैंड का पूर्वी किनारा था । अंतरिम की तरल लावें की चादर इस सारे क्षेत्र में फैल गई । जब वह ठंडी हुई तो ठोस रूप में परिवर्तित होने लगी । जब यह ठंडी हो रही थी तो सिकुड़ने के कारण जगह जगह से चटक गए ।
जैसा कि सामान रूप में किसी गांव के तालाब में कीचड़ सूखने के बाद होता है । लावा के ठंडे होने पर जो दरार पड़ती हैं वह सीधी होती हैं । लेकिन इस प्रक्रिया के काफी देर तक चलते रहने से यह दरारें सटभुजीय जाल की भांति बन गई । नीचे की ओर जैसे-जैसे लावा ठंडा होता गया , सतह की ये सटभुजीय दरारें नीचे की और बढ़ती गई । और इन विशाल स्तंभों के सिरों के रूप में बदल गई । इन्हीं स्तंभों को आज हम जैंटस कॉस्वे कहते हैं । यह 5 किलोमीटर तक फैला है और दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है ।
0 comments:
Post a Comment