Airtical Of Ceramic - सिरेमिक का लेख

सिरेमिक शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के करोमोस  शब्द से हुआ है । जिसका अर्थ है कुम्हार की मिट्टी । आजकल इस शब्द का प्रयोग सभी प्रकार की पॉटरी के लिए किया जाता है । विभिन्न प्रकार के  सिरेमिक भिन्न भिन्न प्रकार के मिट्टियों से बनाए जाते हैं । जिनमें फ्लिंट ,  फेल्सपार और चाइना स्टोन जैसे पदार्थ मिलाए जाते हैं । अधिकतर सिरेमिक सिलिकॉन , कार्बन , ऑक्सीजन , नाइट्रोजन और कुछ दूसरे पदार्थों के योगिक होते हैं । सेरेमिकों का निर्माण में काम आने वाली विभिन्न प्रकार की मिट्टियां जल और वायु की क्रियाओं द्वारा चट्टानों के छरण द्वारा बनते हैं । ग्रेनाइट नामक चट्टानों से सिरेमिक का निर्माण होता है । 

मिट्टी में  क्वार्ट्ज , मायका और फेलस्पार आदि होते हैं । मशीनों में पीसकर इन मिट्टियों से पाउडर बना लिया जाता है । इस पाउडर के साथ पानी मिलाया जाता है । पानी मिलाने से यह गूथे आटे की तरह मुलायम हो जाता है । जिससे इसे किसी भी रूप में ढाला जा सकता है । सिरेमिक को अलग-अलग रूपों में बदलने के लिए विभिन्न तरीकों का प्रयोग होता है । सेरेमिको से निर्मित उत्पाद को सुखाया जाता है । और सुखाने के बाद से इसे एक भट्टी में पकाया जाता है । पकाने वाली इस भट्टी को क्लिन कहते हैं । सिरेमिक को  650 डिग्री से लेकर 1650 डिग्री सेल्सियस तक पकाया जाता है । पकाने की इस प्रक्रिया में उत्पाद सख्त हो जाता है । और इसमें  मजबूती आ जाती है ।पकाने के बाद उत्पाद लंबे समय तक खराब नहीं होता है । अधिकतर सिरेमिक उत्पाद पर गिलास जैसे पदार्थ की परत चढ़ा दी जाती है । 

इससे उत्पाद की सतह के छोटे-छोटे छेद भर जाते हैं । इस परत के कारण उत्पाद की सतह चिकनी और चमकीली हो जाती है । सिरेमिक से अनेक प्रकार की वस्तुएं बनाई जाती हैं ।  एलुमिना तथा  सिलीकान कार्बाईड विभिन्न प्रकार के अपघर्सक बनाने में प्रयोग होता है । जो विभिन्न प्रकार के तलों को घिसकर पालिश करने के काम आते हैं । क्ले और शैल भवनों  के लिए तथा पानी के पाइप बनाने में प्रयोग किए जाते हैं । जिप्सम से प्लास्टर का निर्माण किया जाता है । पोर्सलिन से नहाने के टब कमोड सिंक आदि बनाए जाते हैं । पोर्सलिन का निर्माण क्ले , फेल्सपार और क्वार्ट्ज से किया जाता है । एलुमिना और पोर्सलेन कुछ ऐसे सिरेमिक हैं जो विद्युत के भी कुचालक हैं । 

भट्ठियों के अंदर लगाई जाने वाली मिट्टी भी  सिरेमिक की श्रेणी में आते हैं । यह पदार्थ उस्मा का प्रतिरोध करते हैं और रासायनिक क्रियाओं को होने से रोकते हैं । कुछ प्रकार के रिफेक्ट्रीक सिरेमिक को रॉकेट में भी प्रयोग किया जाता है । ये तीव्र गति से चलने से उत्पन्न उच्च तापमान को सहन कर सकते हैं।  एलुमिना से सिलिका और मैग्नीशियम के योगिक इसी काम में प्रयोग किए जाते हैं । कृत्रिम हड्डियों को जोड़ने और बनावटी दांत भी विशेष प्रकार के पोर्सलिन से बनाए जाते हैं । यूरेनियम ऑक्साइड जैसे सिरेमिक नाभिकीय भट्ठियों में प्रयोग किए जाते हैं । रूबी के रूप में एलुमिना तीव्र लेजर किरणें पैदा करने के लिए उपयोग किया जाता है ।

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