वीडियो टेलीफोन एक ऐसी संचार व्यवस्था है जिसमें एक साथ बातचीत और चित्र दोनों ही प्रेषित होते हैं तथा प्राप्त होते हैं। दूसरे शब्दों में इस व्यवस्था द्वारा एक और बैठा हुआ व्यक्ति दूसरी ओर बैठे हुए व्यक्ति की तस्वीर देख सकता है । तथा साथ ही उसकी बात भी सुन सकता है।इसी प्रकार दूसरी ओर का व्यक्ति भी इस ओर के व्यक्ति की तस्वीर देख सकता है। और उसकी बात सुन सकता है। एक समूची वीडियो टेलीफोन व्यवस्था में एक कैमरा होता है। चित्रों को प्रदर्शित करने की व्यवस्था होती है। और एक माइक्रोफोन और स्पीकर फोन होता है। यह यंत्र आवाज तथा चित्र दोनों को विद्युत संकेतों के रूप में भेजते तथा प्राप्त करते हैं । इस व्यवस्था में दूरस्थ स्थानों पर संदेश भेजने के लिए तारों की व्यवस्था होती है। इसमें एक स्विचिंग पद्धति भी होती है। जिसके द्वारा मनचाहे रूप से तस्वीर देखी जा सकती है। प्रेषण बिंदु पर आवाज और तस्वीर दोनों ही विद्युत संकेतों में बदल जाती है। यह संदेश संचरण व्यवस्था द्वारा दूरस्थ स्थान तक प्रेषित हो जाते हैं। रिसीवर पर संदेश फिर से ध्वनि और तस्वीर में बदल जाते हैं । जो दूरस्थ स्थान पर बैठे हुए व्यक्ति द्वारा सुन और देख लिए जाते हैं। यही प्रक्रम दूसरी ओर के व्यक्ति की आवाज और चित्र के लिए होता है। इस प्रकार आवाज और चित्रों का आदान-प्रदान होता रहता है वीडियो टेलीफोन व्यवस्था का विकास सन 1927  (H.E Ives) द्वारा किया गया था। वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने वाशिंगटन डी.सी से न्यूयॉर्क तक एक ओर से प्रतिबिंब भेजने में सफल हुए उसी साल न्यूजर्सी से न्यूयॉर्क तक रेडियो तरंगों द्वारा संदेश भेजने में सफलता प्राप्त की गई। इन प्रयोगों का उद्देश जैसे भी मनुष्य के चेहरे को प्रेषित करके उसे पुनः उत्पादित करना था।


सन 1930 में ईव्स महोदय ने न्यूयॉर्क शहर में दोनों ओर से वीडियो संदेश भेजने में सफलता प्राप्त कर ली। 1936 से 1940 तक जर्मन पोस्ट ऑफिस में अंतरनगरीय जनता वीडियो टेलीफोन सेवा जारी रखी। इसके अंतर्गत बर्लिन, लिपजिंग, न्यूरेमबर्ग और म्युनिख शहरों में बैठे हुए कोई दो व्यक्ति अपनी काल बुक करा सकते थे । इसी प्रकार की प्रणाली का सन 1961 में रूस में उद्घाटन किया गया। इस सेवा की व्यवस्था रूस के 8 शहरों में थी । जिसमें मास्को कीव की और लेनिनग्राड भी सम्मिलित थे।

सन 1960 के दशक से विश्व की अधिकतर संचार संस्थाएं इस बात की संभावना पर कार्य करती रही कि क्या वीडियो टेलीफोन सेवा को व्यवसायिक रूप दिया जा सकता है।ऐसी एक सीमित सेवा 1970 में बैल सिस्टम द्वारा आरंभ की गई । इस सेवा के अंतर्गत साधारण टेलीफोन तारों को वीडियो संदेश भेजने के लिए प्रयोग में लाया गया था। वीडियो पद्धति में दोनों और प्रेषण के लिए तारों के 2 जोड़ों की आवश्यकता होती थी। आरंभ में यह सेवा शिकागो और पिट्सबर्ग के बीच शुरू की गई थी । इस सेवा से लोगों को जो आशाएं थी वह पूरी नहीं हो पाई । आजकल भी वीडियो टेलीफोन पद्धतियों पर विश्व के कई देशों में विकास कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मानव द्वारा बनाए गए कृत्रिम उपग्रहों की सहायता ली जा रही है ।

यूरोप के कुछ देशों और अमेरिका में अब वीडियो टेलीग्राफी का उचित रूप से विकास हो चुका है । तथा विश्व के समस्त देशों में आजकल वीडियो टेलीफोन का उपयोग किया जा रहा है। जिससे मानव समाज के संचार व्यवस्था में बहुत निकटता हुई है।

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