Article Of Kepler's laws of planetary motion In Hindi - केप्लर के ग्रह गति के नियम का आलेख

मित्रों आज हम बात करने जा रहे हैं एक विशेष खोज के बारे में और एक महान खगोल शास्त्री के बारे में। जिनका नाम जोहान्स कैपलर था । जोहंस केपलर ने सूर्य के गति के नियमों का प्रतिपादन किया तथा ग्रहों के गति के नियम के बारे में भी विशेष महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई। जोहान्स कैपलर एक महान खगोल शास्त्री और वैज्ञानिक थे।


1. जोहान्स कैपलर विश्व के महान खगोल शास्त्रियों में से एक थे । वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने ग्रह के गति के मूलभूत नियमों का निरूपण किया।

2. ग्रह के गति के नियम की खोज ने इन्हें विश्व भर में प्रसिद्ध कर दिया।

3. इनका जन्म 27 दिसंबर 1571 को वेल वर्तेमबर्ग दक्षिण जर्मनी में हुआ था।

4. ये एक गरीब सराय मालिक के पुत्र थे। कायदे से इन्हे बड़े होकर पिता के व्यापार में हिस्सा लेना और अधिक से अधिक एक बेयरा बन जाना चाहिए था।

5. लेकिन इन्होंने सराय में काम करने से पढ़ाई जारी रखना अधिक उचित समझा ।

6. इसलिए उनके माता-पिता ने इन्हें ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए भेज दिया । यहां इन्होंने धर्मशास्त्र का अध्ययन किया।

7. ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय में इनके साथ एक घटना घटी जिसने इनके भविष्य को निर्मित किया । इनकी भेंट वहां के एक प्रोफ़ेसर से हुई जिसने निकोलस कॉपरनिकस के सौरमंडल संबंधी सिद्धांत को प्रतिपादित किया था।

8. कॉपरनिकस के ये सिद्धांत 1543 में प्रकाशित हुए थे। जिनमें उसने टालमी के  भू केंद्र सिद्धांत का खंडन किया था।

9. टॉलमी में के अनुसार पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र मानी  गई थी जिसके चारों ओर सूर्य इत्यादि ग्रह घूमते हैं। यह हेलिओसेंट्रिक सिद्धांत कहलाता है।

10. केप्लर तीव्र बुद्धि के थे। उन्होंने कॉपरनिकस की मान्यताओं की सत्यता को पहचाना और उन्होंने उच्चतम गणित के फार्मूला का प्रयोग करके ग्रहों की गति के संबंध में 3 नियम निरूपित किए।

11. परिक्रमा पथ का नियम के अनुसार सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्तीय गति में घूमते है वित्तीय गति में नहीं।

12.सूर्य इस दीर्घ वृत्त का एक केंद्र है । दीर्घ वृत्त किसी सिलेंडर में से टेढ़ी काटी गई एक गोलाई को कहते हैं।

13. क्षेत्रफल के नियम के अनुसार सूर्य से ग्रह तक खींचे गए अर्धव्यास समान समय में समान क्षेत्रफल घेरता है।

14. इस नियम से यह सिद्ध होता है कि किसी भी ग्रह का वेग इसकी सूर्य की दूरी के अनुपात के अनुसार होता है।

15. सूर्य के पास ग्रह का वेग तेज होता है । और जैसे-जैसे  सूर्य ग्रह से दूर हटता है इसकी गति धीमी हो जाती है।

16. अवधि के नियम के अनुसार सूर्य के चारों तरफ घूमने में गृह द्वारा लिए गए समय का वेग उसकी सूर्य से दूरी के घन के समानुपाती होती है।

17. सूर्य का एक चक्कर काटने में पृथ्वी को 365 दिन लगते हैं और बुध ग्रह को 88 दिन लगते हैं।

18. पृथ्वी सूर्य से लगभग 9.3 करोड़ मील दूर है और बुद्ध लगभग 3.6 करोड़ मील दूर है।

19. इन तीनों नियमों की घोषणा के बाद केप्लर विश्व प्रसिद्ध व्यक्ति बन गए।

20. कैपलर की प्रसिद्ध इतनी बढ़ी की 1599 में मान्यता प्राप्त हो खगोलशास्त्री टायको ब्राहे ने इनको अपना सहयोगी बनाने के लिए पराग आने का निमंत्रण दिया।

21. 1601 में टायको ब्राहे की मृत्यु होने पर उनके स्थान पर शहंशाह रुडोल्फ प्रथम के अवैतनिक खगोल शास्त्री बने। वैसे वे पूरे जीवन एक निर्धन व्यक्ति ही रहे।

22. भौतिक शास्त्र में भी केपलर ने अत्यंत सार्थक अनुसंधान कार्य किया । विशेषतौर पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के विषय में वह गलीलियों के समकालीन थे।

23. दोनों महान वैज्ञानिक अपनी खोजो और अनुसंधान के विषय में पत्र व्यवहार किया करते थे।

24. 15 नवंबर 1640 को केप्लर की मृत्यु हुई । पश्चिमी जर्मनी के रेजेनवर्ग शहर में वे एक व्यापारी के घर के एक कमरे में बिना किसी शोकउत्सव के मर गए।

25. जोहान्स कैपलर को उनके ग्रह के गति के नियमों के खोज के कारण सारे विश्व भर में ख्याति प्राप्त है । जिसके लिए वे जाने जाते हैं।
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