1. बाबर ने इब्राहिम लोदी को परास्त करो पंजाब पर अधिकार किया था।
2. खानवा के युद्ध के बाद दिल्ली पर उसका अधिकार हो गया। उसने अफगान और राजपूत दो बड़ी शक्तियों को परास्त कर मुगल वंश की नींव डाली।
3. वास्तविकता तो यह है कि बाबर में कुशल सेनापति मोबाइल योग सैनिक के सभी गुण विद्यमान थे परंतु कुशल शासक के गुण बिल्कुल नहीं थे।
4. इसलिए विस्तृत साम्राज्य जीतने पर भी वह उसे दृढ़ता प्रधान ना कर सका । बाबर में प्रशासन संबंधी प्रतिभा का सर्वथा अभाव था।
5. वह कोरा योद्धा था और राजनीति की कुछ प्रवृतियां उसमें अवश्य थी । इसलिए उसने ततसमय की प्रचलित शासन व्यवस्था को स्वीकार करना हितकर समझा । और साम्राज्य का विभाजन अपने अधिकारियों में कर दिया।
6. इस योजना का परिणाम यह हुआ कि राजा तथा स्थानीय शासक के मध्य एक दीवार खड़ी हो गई है । और धीरे-धीरे उसकी शक्ति तथा सत्ता का पतन होना आरंभ हो गया।
7. बाबर के समय इस पतन के लक्षण दृष्टिगोचर नहीं होते क्योंकि वह स्वयं एक विजेता की प्रतिष्ठा से आभूषित था। तथा उसको इतना कम अवकाश प्राप्त हुआ कि उसकी नीति के परिणाम स्पष्ट तौर पर प्रकट नहीं हो पाया।
8. दिल्ली तथा आगरा की वजह से जो धन प्राप्त हुआ था उसे उसने उदारता पूर्वक काट दिया था जिसके कारण राजकोष रिक्त हो गया था।
9. बाबर की धार्मिक विचारों और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास वा मान्यता रही है।
10. प्रत्येक नई वस्तु जो उसके समझ में आ जाती थी उसका बड़े उत्साह से निरीक्षक करता था।
11. पशु पक्षियों के संबंध में जो बात है उसे बताई जाती थी तर्कसंगत ना होने पर भी वह उस पर भी विश्वास करता था।
12. बाबर प्राकृत का अनंत प्रेमी था प्राकृतिक दृश्य उसे अत्याधिक आकर्षित करते थे।
13. काबुल के विवरण में उसने काबुल के रमणीयता कि भूर भूर प्रशंसा करी है।
14. उसने भारत की तीनों सेनाओं को बताया है कि या बहुत ही अच्छा देश है । इसकी पहाड़ियां , नदियां , मैदान , पशु पक्षी , भाषाएं , हवाएं एवं बरसाते हैं भिन्न भिन्न प्रकार की हैं।
15. उसने आम को सभी फलों से श्रेष्ठ बताया है । इसके अलावा अन्य फलों एवं अनेक पशु पक्षियों का विवरण भी प्रस्तुत किया है।
16. बाबरनामा में बाबर एक कवि के रूप में भी दृष्टिगोचर होता है । उसने अपनी कविताओं को दीवान के रूप में संकलित किया है।
17. वह फरमानों के हाथियों पर भी हाथियों पर भी शेर लिख दिया करता था।
18. बाबरनामा एवं दीवान के अतिरिक्त उसकी एक महत्वपूर्ण रचना मुबीर भी है।
19. वाह मुबुईयान नामक पद शैली का जनक भी माना जाता है।
20. उसने बाबरी नामक एक लिपि का आविष्कार भी किया और उस लिपि में एक कुरान लिखकर मक्का भी भेजा।
21. बाबर संगीत प्रेमी था उसका अधिकांश समय युद्धों में बीता किंतु अक्सर समय मिलने पर वह संगीत गोष्ठियों में भाग ले था तथा इन गोष्ठियों का आयोजन करता था।
22. बाबर की निर्माण कार्य में भी रुचि थी । उसने आगरा धौलपुर , सीकरी , ग्वालियर आदि में निर्माण कार्य करवाया।
23. उसने पानीपत में काबुली मस्जिद , बुंदेलखंड का संभल मस्जिद , अलीगढ़ में फीलखाना मस्जिद तथा अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया जिसमें मात्र प्रथम दो ही शेष हैं।
24. उसने आगरा में विशेष रुप से उद्यानों , भवनों एवं कुओं का निर्माण करवाया ।
25. बाबर की चित्रकला में भी रुचि थी । उसने अपनी आत्मकथा में एकमात्र चित्रकार बिहजाद का उल्लेख किया है।
26. वह चित्रकला को विकसित करना चाहता था किंतु कम समय तक ही गद्दी पर रहने के कारण वह इसे विकसित ना कर सका।
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