Interesting Facts About Jahangir In Hindi - जहांगीर के बारे में रोचक तथ्य

 आइए आज हम आपको शासक जहांगीर के बारे में कुछ विशेष तथ्य बताने जा रहे हैं । जिसका उल्लेख नीचे कुछ इस प्रकार से किया गया है । जहांगीर के शासन काल की विशेषताएं उसके कार्य करने का तरीका तथा उसके शासन और जनता के प्रति उसकी उदारता का संक्षिप्त वर्णन किया गया।


1.अकबर की मृत्यु के पश्चात 24 अक्टूबर 1605 को सलीम आगरा में नूरुद्दीन अहमद जहांगीर के नाम से सिंहासन पर बैठा।

2. उसका राज अभिषेक बहुत धूमधाम से किया गया था। इस अवसर पर अनेक उदारता  पूर्ण काम किए गए।

3. कैदियों को मुक्त किया गया , विरोधियों को क्षमा कर दिया गया और बहुत से करो को भी बंद कर दिया गया था।

4. शुभचिंतकों और समर्थकों को ऊंचे पद प्रदान किए गए शराब का उत्पादन तथा विक्रय निषेध कर दिया गया।

5. अपराधियों के कान तथा उनके  नाक कटवाने का प्रथा बंद कर दिया गया।

6. सड़कों के किनारे सरायो के बनवाने का आदेश दिया गया और नगरों में औषधालयओं के निर्माण की आज्ञा दी गई।

7. इन औषधालय का नाम न्याय की घंटी रखा गया। जिसका जंजीर खींचकर कोई भी पीड़ित अपनी फरियाद बादशाह तक पहुंचा सकता था।

8. जहांगीर के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए डॉक्टर बेनी प्रसाद लिखते हैं , कि जहांगीर का शासनकाल साम्राज्य के लिए शांतिपूर्ण एवं समृद्ध शाली रहा।

9. उसके अंतर्गत व्यापार वा उद्योग की उन्नति हुई । वास्तुकला की विशेष प्रगति ना हुई ।

10. जहांगीर के शासनकाल में चित्रकला चरम उत्कर्ष को प्राप्त हुई तथा साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।

11.उसी के समय तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की।  जो उत्तर भारत के लाखों लोगों के लिए होमर , बाइबल , शेक्सपियर तथा मिल्टन बनी ।

12. देश के विभिन्न भागों में फारसी तथा देशज भाषाओं के कवियों ने जहांगीर के काल को मध्यकालीन भारत के साहित्य में औंगस्तान युग बना दिया।

13. जहागीर के समय का इतिहास काफी उत्कृष्ट तथा रोचक रहा है ।

14. जहांगीर का सर्वोच्च गुण सांस्कृतिक कार्यो में निहित है। इसने संस्कृति को एक नया आयाम दिया ।

15. इतिहासकार एस. एम जाफर के अनुसार जहांगीर एक महान शासक था । जिसमें महान कार्यक्षमता थी ।

16. यदि वह अपने को नूरजहां की मंडली से प्रभावित न होने देता तो वह अपने को अत्यंत उत्तम शासक सिद्ध किए होता। तथा अपने पिता की कोटि में रखे जाने योग्य होता।

17. फिर भी यह उल्लेखनीय है की उसके शासनकाल का वास्तविक गौरव उसके पूर्ववर्ती वा परवर्ती शासनकाल के गौरव से मंद पड़ गया ।

18. अकबर महान तथा शाहजहां जैसे गौरवशाली के मध्य पड़ जाने से उसके व्यक्तित्व को गहरा आघात हुआ ।

19. उसने अपने पिता की नीति की रक्षा पर विशेष ध्यान दिया और उसकी रक्षा की ।

20. उसने हिंदू , मुस्लिम तथा ईसाई प्रजा अथवा अधिकारियों के मध्य कोई मत भेद नहीं किया ।

21. जहांगीर दशहरा , दिवाली , रक्षाबंधन जैसे हिंदू त्योहार भी मानता था ।

22. वह कला और साहित्य का महान संरक्षक माना गया है। जिसने हमेशा न्यायपूर्ण कार्य किया ।

23. उसके काल में ही चित्रकला सर्वोच्च शिखर पर पहुंची , स्थापत्यकला में नए तत्व सम्मलित हुए तथा सजीव रहा ।

24. वास्तव में जहांगीर की कीर्ति उसके पिता अकबर के उत्कृष्ट यश तथा पुत्र शाहजहां के चकाचौंध कर देने वाले वैभव के द्वारा ग्रसित हो गई ।

25. जहांगीर कलाप्रेमी , संगीतप्रेमी तथा न्यायप्रिय शासक था । जिसने उदारतापूर्ण कार्य किए।

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