Interesting Facts About Panipat First Battle In Hindi - पानीपत प्रथम युद्ध के बारे में रोचक तथ्य

1. आलम खान के आग्रह और अपनी महत्वाकांक्षा के कारण बाबर ने दिसंबर 1525 ईसवी में पंजाब पर आक्रमण कर उसे आसानी से जीत लिया।


2. इस जीत से उत्साहित होकर उसने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी से टक्कर लेने के इरादे से अप्रैल 1526 ईस्वी में उस पर हमला कर दिया।

3. बाबर के मंसूबे को इब्राहिम लोदी भली बात समझ रहा था और उस से लोहा लेने की तैयारी करने लगा।

4. एक लाख सेना तथा लड़ाकू हथियारों की विशाल वाहिनी लेकर वह दिल्ली से चल पड़ा।

5. उधर बाबर भी सरहिंद और अंबाला से आगे बढ़ा । सब मिलकर उसके अनुयायियों की संख्या 12,000 से अधिक ना थी।

6. इन दोनों की सेनाएं पानीपत के मैदान में आ डटी और दोनों और से शत्रु का सामना करने के लिए मोर्चाबंदी होने लगा।

7. बाबर कुशलता और अनुभवी सेनानायक था उसने अश्वरोहियो तथा तोपखाने के संयुक्त प्रयोग का निश्चय किया।

8. बाबर के सैनिकों की संख्या बहुत कम थी । उसने सैनिकों की सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था कर ली । बाबर ने युद्ध में तुलुग्मा युद्ध प्रणाली को अपनाया।

9. उसके सेना की दाहिनी ओर पानीपत का स्तंभ था ।इसके अतिरिक्त अपने केंद्र की सेना की रक्षा के लिए 700 गाड़ियों की पंक्ति को रस्सी से बनवा कर उसके दाएं बाएं पक्ष को मिला सके।

10. इसके अतिरिक्त बीच-बीच में स्थान बनाकर उसके पीछे सुरक्षित एक एक सैनिक रख दिए जो छुपकर सत्र सेनाओं पर प्रहार कर सकें।

11. बाबर के पास बहुत सी तोपे थी । सेना से दाएं पक्ष का संचालन ही हिमायू तथा ख्वाजा किला को दिया । और बाएं पक्ष का संचालन मोहम्मद सुल्तान मिर्जा तथा मेहंदी ख्वाजा को दिया था।

12. केंद्र में बाबर ने स्वयं रहकर सेना का संचालन किया था। तैमूर सुल्तान दाएं केंद्र में रखा गया । और बाएं में प्रधानमंत्री मियां खलीफा को रखा गया था।

13. इस प्रकार बाबर ने तुलुगमा  युद्ध प्रणाली को अपनाया जो उसने उजरेग सरदार शेवानी खां से सीखी थी।

14. इस नीति से शत्रु सेना को दाएं बाएं से गिरकर सामने तथा पीछे से वार किया जाता था।

15. इधर इब्राहिम लोदी भी युद्ध की योजना बनाने लगा लेकिन सामरिक कला में वह बाबर से बहुत पीछे था।

16. उसके पास लगभग 2000 हाथी थे। हाथियों को तोपखाने का सामना करने की शिक्षा नहीं दी गई थी । यह संभावना थी कि तोपखाने की आग से बिगड़ कर वह अपने सैनिकों को रौंद डालेगा।

17. 12 से 19 अप्रैल तक पूरे 1 सप्ताह तक दोनों सेनाएं पानीपत के मैदान में आमने सामने पड़ी रही और कोई युद्ध नहीं हुआ।

18. अंत में 21 अप्रैल 1526 ईसवी को संग्राम शुरू हुआ । जब इब्राहिम लोदी ने अपनी सेना को आक्रमण करने की आज्ञा दे दी।

19. लेकिन युद्ध में दोनों पक्षों की सांसारिक स्थिति में जमीन आसमान का अंतर था । एक ओर निराशाजनित साहस और वैज्ञानिक युद्ध प्रणाली के साधन थे।

20. दूसरी मध्यकालीन ढंग से सैनिकों की भीड़ थी जो भाले और धनुष बाण से सुसज्जित थी । और जो मूर्खतापूर्ण तथा अव्यवस्थित ढंग से जमा हो गई थी।

21. विशालता के कारण इब्राहिम की सेना को चारों ओर से घेर लिया और उस पर तोपखाने की वर्षा शुरू कर दी इब्राहिम के सेना प्राप्त होकर लड़ाई के मैदान से भाग गई।

22. युद्ध के बारे में बाबर ने लिखा है जिस समय संग्राम आरंभ हुआ सूर्य आकाश में चढ़ आया था । और मध्ययाह तक लड़ाई चलती रही।

23. अंत में शत्रु दल छिन्न-भिन्न हो गया और लड़ाई के मैदान से खदेड़ दिया गया।

24. मेरा योद्धा विजयी हुए । अल्ली के प्रताप तथा अनुकंपा से कठिन कार्य मेरे लिए सरल हो गया । और आधे ही दिन में वह शक्तिशाली सेना धूल में मिल गई।

25. इस प्रकार 21 अप्रैल 1526 ई. को बाबर और इब्राहिम लोदी के युद्ध में बाबर विजई हुआ । और इब्राहिम लोदी को बुरी तरह हार का सामना पड़ा । जिसके पश्चात बाबर दिल्ली का सुल्तान बना।

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Interesting Facts About Supreme Court In Hindi - सर्वोच्च न्यायालय के बारे में रोचक तथ्य

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के बारे में हम कुछ रोचक तथ्यों को बताने का प्रयास कर रहे हैं । और उम्मीद करते हैं कि आप इन तथ्यों को जानकर सर्वोच्च न्यायालय की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे । यह न्यायालय किस प्रकार कार्य करती है ? इसके अधिकार क्षेत्र क्या-क्या हैं ? और किन-किन मुद्दों पर यह कार्य कर सकती है ?


1. सर्वोच्च न्यायालय हमारे देश का सबसे उच्चतम न्यायालय है।

2. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश होता है।

3. सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश के साथ 25 अन्य न्यायाधीश तक हो सकते हैं।

4. इसके मुख्य न्यायाधीश और दूसरा न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

5. मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए यदि राष्ट्रपति उचित समझे तो उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय कि दूसरे जजों से सलाह ले सकता है।

6. लेकिन दूसरे न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वह मुख्य न्यायाधीश से ही सलाह लेता है।

7. मुख्य न्यायाधीश आवश्यक अवधि के लिए  तदर्थ ( Adhoc ) न्यायाधीश चुन सकता है।

8. सर्वोच्च न्यायालय का चार्ज जज होने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति भारत का नागरिक हो । कम से कम 5 वर्ष उच्च न्यायालय का जज रहा हो । और कम से कम 10 वर्ष उच्च न्यायालय का एडवोकेट रहा हो। तथा राष्ट्रपति की राय में प्रसिद्ध न्याय विद रहा हो ।

9.यह भारत सरकार और राज्य सरकारों के विवादों तथा राज्य सरकारों के आपसी विवादों को तय कर सकता है। इसमें चाहे किसी तथ्य का झगड़ा हो या न्याय संबंधी हो।

10. यह मौलिक अधिकारों को अपनी शक्ति से लागू करवा सकता है।

11. उच्च न्यायालय द्वारा तय किए गए दीवानी और फौजदारी के मुकदमों के पुनर्विचार की याचिकाएं भी यहाँ फैसले के लिए आती हैं।

12. जनहित के मामलों को राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय की सलाह के लिए भेज सकता है।

13. यह जनहित की याचिकाओं को सीधे भी सुन सकता है तथा उन पर अपना निर्णय दे सकता है।

14. सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी फैसला देश के सभी न्यायालयों को मानना पड़ता है।

15. सर्वोच्च न्यायालय के कार्य क्षेत्र में मंत्रणा भी शामिल किया गया है।

16. यदि राष्ट्रपति किसी जनहित के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से मंत्रणा लेना चाहता है तो सर्वोच्च न्यायालय उस पर विचार करके राष्ट्रपति को अपनी सहमति भेजता है।

17. केंद्रीय संसद या किसी राज्य के विधानमंडल के समक्ष यदि कोई ऐसा विधेयक हो जिसके संविधान के अनुकूल या प्रतिकूल होने में संदेह हो तो राष्ट्रपति इसके संबंध में सर्वोच्च न्यायालय से मंत्रणा कर सकता है।

18. सर्वोच्च न्यायालय अपने ही फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।

19. यहां पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधी मुकदमों का भी फैसला किया जाता है।

20. कानून के अंतर्गत की गई किसी गिरफ्तारी को सर्वोच्च न्यायालय नहीं रोक सकता।

21. राज्य सरकार द्वारा जनता की जायदाद लेने के बदले दिए गए मुआवजे के मामले में सर्वोच्च न्यायालय उसकी उचितता या अनुचितता के मामले में अपना निर्णय नहीं दे सकता।

22. सर्वोच्च न्यायालय निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन मैं बांधा नहीं डाल सकता।

23. राष्ट्रपति द्वारा आपातकालीन स्थिति की घोषणा  मैं यह न्यायालय अपनी राय नहीं दे सकता।

24. कोई अध्यादेश मुद्रा से संबंधित है या नहीं , स्पीकर के इस निर्णय में या कोई प्रश्न नहीं उठा सकता।

25. संक्षेप में कहा जा सकता है कि सर्वोच्च न्यायालय हमारे संविधान और मानवीय अधिकारों और न्याय का संरक्षक है।
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Interesting Facts About Unesco In Hindi - यूनेस्को के बारे में रोचक तथ्य

 दोस्तों आज हम आपको यूनेस्को के बारे में बताने जा रहे हैं। और मुझे उम्मीद है कि आप सब भी इस संस्था के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक होंगे । मैं विस्तार से आपको बताऊंगा कि उन्हें यूनेस्को किस लिए बनाई गई ? कब बनाई गई ? और इसकी जरूरत हमें क्यों है ? तो आईए देखते हैं कि यह संस्था कैसे कार्य करती है।


1.यूनेस्को का पूरा शब्द " यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन है "।

2. हिंदी में इसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक , वैज्ञानिक और संस्कृति संगठन कहते हैं।

3. यह संयुक्त राष्ट्र की एक महत्वपूर्ण संस्था है जो संपूर्ण संसार के राष्ट्रों में आपसी सद्भावना की विधि करने के लिए स्थापित किया गया है।

4. यूनेस्को की स्थापना सद्भावना की दृष्टि से शिक्षा , विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य सन 1946 में की गई थी।

5. इस प्रकार या संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा पत्र में लिखे मानव अधिकार और स्वतंत्रता के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है।

6. यूनेस्को की ऐतिहासिक जड़े "लीग ऑफ नेशंस" के प्रयासों में  निहित है।

7. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से पहले अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग का कार्य "लीग ऑफ नेशंस" करती थी।

8. लीग ऑफ नेशंस के द्वारा भी विश्व के राष्ट्रों में अंतरराष्ट्रीय शांति , प्रगति और विकास के लिए बौद्धिक सहयोग की दिशा में प्रयास किए गए थे।

9. यूनेस्को के मुख्य कार्य हैं अन्वेषण तथा खोज से संबंधित गतिविधियां , सदस्य राष्ट्रों के बीच ज्ञान तथा तकनीकी गतिविधियां का आपसी लेनदेन।

10. इसके लिए वह विचारगोष्ठियों , सम्मेलनों , प्रकाशनों आदि के लिए कार्य करती रहती है।

11. शिक्षा विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में सरकारी अंतरराष्ट्रीय व्यवसायिक संगठनों की स्थापना करने तथा उनका विकास करने पर या विशेष बल देती है।

12. विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों , शिक्षाविदों , कलाकारों आदि को एक दूसरे देश में आना जाना पारस्परिक विचार विनिमय करना इसके कार्य में निहित है ।

13. विचार गोष्ठियों आयोजित करना , नवीनतम विषयों पर लेख प्रकाशित करना उन पर चर्चा करना आदि कार्य यूनेस्को विश्व स्तर पर करती है।

14. यूनेस्को की भूमिका का महत्वपूर्ण पक्ष है तुलनात्मक रूप से पिछड़े देशों में अपनी गतिविधियों को शुरू करना और उनका विकास करना।

15. इस दिशा में यूनेस्को ने नई दिल्ली , काहीरा , जकार्ता आदि नगरों में साइंस कोआपरेटिव इस्टैब्लिशमेंट जैसे केंद्रों की स्थापना की है।

16. यूनेस्को का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य कम विकसित देशों के विद्यार्थियों को अधिक विकसित देशों में अध्ययन करने के लिए फैलोशिप या आर्थिक सहायता देना है।

17. यूनेस्को का मुख्य कार्यालय पेरिस में है जहां से समस्त राष्ट्रों पर देखरेख और संचालन का कार होता है।

,18. यूनेस्को का प्रबंध एक डायरेक्टर जनरल द्वारा होता है जो 5 वर्ष तक कार्य करता है।


19. किस की नीतियों को निश्चित करने वाली जनरल कॉन्फ्रेंस वर्ष में दो बार अपनी सभा करती है।

20. यूनेस्को की आर्थिक नीतियां तथा अन्य गतिविधियों का समन्वय संयुक्त राष्ट्र की इकोनामिक एंड सोशल काउंसिल करती है।

21. जहां सन 1946 में यूनेस्को के सदस्य देशों की संख्या 44 थी वहीं 1995 में यह 180 से भी अधिक बढ़ गई थी।

22. यूनेस्को आज संसार के समस्त राष्ट्रों में विकास , प्रगति शिक्षा , आर्थिक एवं वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है।
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Article Of Precious Stones Of The World - दुनिया के बहुमूल्य पत्थर का आलेख

 प्राचीन काल से बहुमूल्य पत्थरों के प्रति मानव आकर्षित रहा है । लेकिन यह निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता है कि इन पत्थरों की खोज किसने की और कब की थी । हजारों वर्ष तक मनुष्य की यह मान्यता रही है कि बहुमूल्य पत्थरों को अंगूठी या गले में पहनने से दूरआत्माओं और रोगों का प्रकोप नहीं होता है । आज भी हम लोग इन्हें अपने जन्म की राशि के अनुसार अंगूठियों में लगवा कर पहनते हैं । क्या तुम जानते हो कि यह बहुमूल्य पत्थर क्या है?


बहुमूल्य पत्थरों में मुख्य रूप से हीरा , माणिक , पन्ना और नीलम आते हैं । कुछ कम बहुमूल्य पत्थर मैं दूधिया पत्थर, बिल्लेरिया एमेथिस्ट और पुखराज आते हैं।

प्राचीन काल में मनुष्य बहुमूल्य पत्थरों की पहचान केवल उनके रंग के आधार पर करता था । सभी लाल रंग के मूल पत्थरों को वह मणिक के नाम से पुकारता था । सभी हरे रंग के पत्थर उसके लिए पन्ना थे । तथा हल्के नीले रंग के पत्थरों को नीलम कहता था । लेकिन आज ऐसे वैज्ञानिक तरीके विकसित कर लिए गए हैं जिनके द्वारा किसी भी पत्थर की पहचान करना आसान हो गया है।

वास्तव में बहुमूल्य पत्थर एक प्रकार का खनिज पदार्थ है। जो प्राकृतिक रूप से चट्टानों से प्राप्त होता है । हीरा आग्नेय चट्टानों से प्राप्त होता है । तलछट चट्टानों से फिरोजा और दूधिया पत्थर प्राप्त होते हैं । मणिक रूपांतरित चट्टान से प्राप्त होता है।

बहुमूल्य पत्थरों को अंग्रेजी भाषा में जैम ( Gem ) कहते हैं। जैम शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के जेमा ( Gemma ) से हुई है जिसका अर्थ है कली । जिस प्रकार एक कली से सुंदर फूल बन जाता है । ठीक उसी प्रकार बहुमूल्य पत्थरों के कुरूप टुकड़ों को काट तथा तलाश कर और पालिश करके सुंदर रुप दिया जा सकता है।

हीरा जो सभी पत्थरों से बहुमूल्य है शुद्ध कार्बन का परिवर्तित रूप है । मणिक और नीलम का स्रोत कोरंडम नाम का खनिज है । मणिक का लाल रंग कोरंडम में बहुत छोटी मात्रा में लोहा मिला होने के कारण होता है । कुछ धातुओं के ऑक्साइड की उपस्थिति से नीलम का रंग हल्का या गहरा नीला हो जाता है । पुखराज और टर्मलिन सिलीकेट समूह के खनिज हैं । ग्रानेट और जेड भी सिलीकेट समूह में ही आते हैं । कुछ पत्थर क्वार्ट्ज समूह में आते हैं । क्वार्ट्ज भी शुद्ध सिलिकेट है लेकिन इसमें 5 से 10% तक पानी होता है।

कुछ जैम खनिजों से प्राप्त नहीं होते हैं । जैसे मोती भी  एक जैम है लेकिन यह पत्थर नहीं है बल्कि यह ओयस्टर नामक एक समुद्री जीव द्वारा निर्मित किया जाता है । एम्बर भी इक  जैम है जो एक वृक्ष से प्राप्त रेजिन द्वारा बनाया जाता है । मूंगा जो अंगूठियों और हारो में प्रयुक्त होता है समुद्री जीवो द्वारा निर्मित किया जाता है । संगमूसा अश्मीभूत कोयला है।

आज के वैज्ञानिक ने लगभग सभी बहुमूल्य पत्थरों के निर्माण के लिए कृत्रिम विधियों का विकास कर लिया है। इन विधियों से बने सभी पत्थरों में वही पदार्थ होते हैं । जो प्राकृत से प्राप्त बहुमूल्य पत्थरों में होते हैं । उदाहरण के लिए मणिक और नीलम एल्यूमीनियम ऑक्साइड को इंडक्शन भट्टी में मिलाकर बनाया जाता है । इनमें रंग लाने के लिए कुछ दूसरे पदार्थ अल्प मात्रा में मिलाए जाते हैं।

बहुमूल्य पत्थर संसार के लगभग सभी देशों में पाए जाते हैं। किसी पत्थर का मूल्य उसकी दुर्लभता और सुंदरता पर निर्भर करता है । हीरा सबसे बहुमूल्य इसलिए होता है कि यह सबसे कठोर पदार्थ है । तथा इसकी चमक सबसे ज्यादा है । कठोरता और चमक के अतिरिक्त किसी जैम की कीमत उसके रंग तथा मांग पर निर्भर करती है । मणिक कम मात्रा में मिलते हैं अतः उनकी कीमत नीलम से अधिक होती है। अफ्रीका में हीरे की सबसे अधिक खाने हैं । उत्तम श्रेणी का पन्ना रूस की यूराल पर्वत मालाओं में मिलता है । इसके अतिरिक्त पन्ना आस्ट्रेलिया , नार्वे तथा ऑस्ट्रिया में भी मिलता है । माणिक वर्मा में सबसे ज्यादा पाया जाता है। नीलम श्रीलंका , थाईलैंड और कश्मीर से प्राप्त होता है।

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Interesting Facts About Jahangir In Hindi - जहांगीर के बारे में रोचक तथ्य

 आइए आज हम आपको शासक जहांगीर के बारे में कुछ विशेष तथ्य बताने जा रहे हैं । जिसका उल्लेख नीचे कुछ इस प्रकार से किया गया है । जहांगीर के शासन काल की विशेषताएं उसके कार्य करने का तरीका तथा उसके शासन और जनता के प्रति उसकी उदारता का संक्षिप्त वर्णन किया गया।


1.अकबर की मृत्यु के पश्चात 24 अक्टूबर 1605 को सलीम आगरा में नूरुद्दीन अहमद जहांगीर के नाम से सिंहासन पर बैठा।

2. उसका राज अभिषेक बहुत धूमधाम से किया गया था। इस अवसर पर अनेक उदारता  पूर्ण काम किए गए।

3. कैदियों को मुक्त किया गया , विरोधियों को क्षमा कर दिया गया और बहुत से करो को भी बंद कर दिया गया था।

4. शुभचिंतकों और समर्थकों को ऊंचे पद प्रदान किए गए शराब का उत्पादन तथा विक्रय निषेध कर दिया गया।

5. अपराधियों के कान तथा उनके  नाक कटवाने का प्रथा बंद कर दिया गया।

6. सड़कों के किनारे सरायो के बनवाने का आदेश दिया गया और नगरों में औषधालयओं के निर्माण की आज्ञा दी गई।

7. इन औषधालय का नाम न्याय की घंटी रखा गया। जिसका जंजीर खींचकर कोई भी पीड़ित अपनी फरियाद बादशाह तक पहुंचा सकता था।

8. जहांगीर के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए डॉक्टर बेनी प्रसाद लिखते हैं , कि जहांगीर का शासनकाल साम्राज्य के लिए शांतिपूर्ण एवं समृद्ध शाली रहा।

9. उसके अंतर्गत व्यापार वा उद्योग की उन्नति हुई । वास्तुकला की विशेष प्रगति ना हुई ।

10. जहांगीर के शासनकाल में चित्रकला चरम उत्कर्ष को प्राप्त हुई तथा साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।

11.उसी के समय तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की।  जो उत्तर भारत के लाखों लोगों के लिए होमर , बाइबल , शेक्सपियर तथा मिल्टन बनी ।

12. देश के विभिन्न भागों में फारसी तथा देशज भाषाओं के कवियों ने जहांगीर के काल को मध्यकालीन भारत के साहित्य में औंगस्तान युग बना दिया।

13. जहागीर के समय का इतिहास काफी उत्कृष्ट तथा रोचक रहा है ।

14. जहांगीर का सर्वोच्च गुण सांस्कृतिक कार्यो में निहित है। इसने संस्कृति को एक नया आयाम दिया ।

15. इतिहासकार एस. एम जाफर के अनुसार जहांगीर एक महान शासक था । जिसमें महान कार्यक्षमता थी ।

16. यदि वह अपने को नूरजहां की मंडली से प्रभावित न होने देता तो वह अपने को अत्यंत उत्तम शासक सिद्ध किए होता। तथा अपने पिता की कोटि में रखे जाने योग्य होता।

17. फिर भी यह उल्लेखनीय है की उसके शासनकाल का वास्तविक गौरव उसके पूर्ववर्ती वा परवर्ती शासनकाल के गौरव से मंद पड़ गया ।

18. अकबर महान तथा शाहजहां जैसे गौरवशाली के मध्य पड़ जाने से उसके व्यक्तित्व को गहरा आघात हुआ ।

19. उसने अपने पिता की नीति की रक्षा पर विशेष ध्यान दिया और उसकी रक्षा की ।

20. उसने हिंदू , मुस्लिम तथा ईसाई प्रजा अथवा अधिकारियों के मध्य कोई मत भेद नहीं किया ।

21. जहांगीर दशहरा , दिवाली , रक्षाबंधन जैसे हिंदू त्योहार भी मानता था ।

22. वह कला और साहित्य का महान संरक्षक माना गया है। जिसने हमेशा न्यायपूर्ण कार्य किया ।

23. उसके काल में ही चित्रकला सर्वोच्च शिखर पर पहुंची , स्थापत्यकला में नए तत्व सम्मलित हुए तथा सजीव रहा ।

24. वास्तव में जहांगीर की कीर्ति उसके पिता अकबर के उत्कृष्ट यश तथा पुत्र शाहजहां के चकाचौंध कर देने वाले वैभव के द्वारा ग्रसित हो गई ।

25. जहांगीर कलाप्रेमी , संगीतप्रेमी तथा न्यायप्रिय शासक था । जिसने उदारतापूर्ण कार्य किए।

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Article Of Presidential Election In India - भारत में राष्ट्रपति का चुनाव का लेख

1. भारतीय संविधान के अनुसार भारत में एक लोकतांत्रिक सरकार होगी और राष्ट्रपति उसका अध्यक्ष होगा।

2. राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल द्वारा होता है । जिसमें राज्यसभा , लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य को मत देने का अधिकार होता है।

3. इस प्रकार भारत के नागरिकों द्वारा सीधे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं किया जाता । नागरिकों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।

4. राष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान द्वारा किया जाता है।

5. राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है लेकिन वह दोबारा भी चुना जा सकता है।

6. यदि राष्ट्रपति संविधान को तोड़ता या उसके विरुद्ध कार्य करता है तो सांसद उस पर महाभियोग लगाकर 5 वर्ष की अवधि पूरे होने से पहले ही उसे हटा सकती है।

7. राष्ट्रपति स्वयं ही त्यागपत्र दे सकता है । यह त्यागपत्र उसे उपराष्ट्रपति को देना होता है।

8. उपराष्ट्रपति इसे लोकसभा के सामने उसकी स्वीकृति के लिए रखता है।

9. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए।

10. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।

11. उसने संसद के सदस्य चुने जाने वाले व्यक्ति की सभी प्रकार की योग्यताएं होनी चाहिए।

12. उसे सरकार या किसी दूसरी संस्था के अधीन नौकर नहीं होना चाहिए।

13. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को संसद या विधानसभा का सदस्य नहीं होना चाहिए।

14. यहां यह जान लेना जरूरी है कि भारत का राष्ट्रपति केवल संवैधानिक प्रमुख है।

15. वास्तविक शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होती हैं जो अपने मंत्रियों की सहायता से उनका प्रयोग करता है।

16. यद्यपि व्यवहार में शासन के सभी छोटे बड़े कार्य मंत्रिमंडल करता है । और उसके लिए जिम्मेवार भी होता है परंतु यह सभी कार्य राष्ट्रपति के नाम से होते हैं।

17. राष्ट्रपति देश के तीनों सेनाओं नौसेना , थल सेना और वायु सेना का प्रधान सेनापति होता है।

18. राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सत्रों स्थगित कर सकता है।

19. सत्रों में अभीभाषण दे सकता है और दोनों के लिए किसी भी प्रकार से संदेश भेज सकता है ।

20. जो भी विधेयक सांसद पास करती है वे राष्ट्रपति की सहमति के बिना कानून नहीं बनते।

21. राष्ट्रपति इन विधेयकों को पुनर्विचार के लिए संसद को वापस भेज सकता है । परंतु दोबारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति को उन पर अपनी सहमति देनी ही होती है।

22. वह देश के बड़े-बड़े अधिकारियों की नियुक्ति करता है। जैसे प्रधानमंत्री , सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के जज , केंद्रीय लोक सेवा संघ के सदस्य , महालेखा निरीक्षक अटॉर्नी जनरल , चुनाव आयुक्त आदि।

23. वह किसी भी अपराधी के मृत्युदंड को माफ कर सकता है रोक सकता है या आजीवन कारावास में बदल सकता है।

24. संसद का अधिवेशन जब ना हो रहा हो तब वह अध्यादेश जारी कर सकता है।

25. वह आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर सकता है। यह स्थिति केवल युद्ध , विदेशी हमला या देश के अंदर अशांति , किसी राज्य में संसदीय प्रणाली के फेल हो जाने या अर्थतंत्र के बिखर जाने की आशंका में होती है।

26. वह युद्ध या शांति की घोषणा कर सकता है । राष्ट्रपति प्राय: आपने इन सभी अधिकारों का उपयोग प्रधानमंत्री की सलाह से करता है।

27. भारत के राष्ट्रपति को सभी श्रेष्ठ सुविधाएं तथा निशुल्क निवास स्थान राष्ट्रपति भवन दिया जाता है।
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Interesting Facts About Babar In Hindi - बाबर के बारे में रोचक तथ्य

 1. बाबर ने इब्राहिम लोदी को परास्त करो पंजाब पर अधिकार किया था।


2. खानवा के युद्ध के बाद दिल्ली पर उसका अधिकार हो गया। उसने अफगान और राजपूत दो बड़ी शक्तियों को परास्त कर मुगल वंश की नींव डाली।

3. वास्तविकता तो यह है कि बाबर में कुशल सेनापति मोबाइल योग सैनिक के सभी गुण विद्यमान थे परंतु कुशल शासक के गुण बिल्कुल नहीं थे।

4. इसलिए विस्तृत साम्राज्य जीतने पर भी वह उसे दृढ़ता प्रधान ना कर सका । बाबर में प्रशासन संबंधी प्रतिभा का सर्वथा अभाव था।

5. वह कोरा योद्धा था और राजनीति की कुछ प्रवृतियां उसमें अवश्य थी । इसलिए उसने ततसमय की प्रचलित शासन व्यवस्था को स्वीकार करना हितकर समझा । और साम्राज्य का विभाजन अपने अधिकारियों में कर दिया।

6. इस योजना का परिणाम यह हुआ कि राजा तथा स्थानीय शासक के मध्य एक दीवार खड़ी हो गई है । और धीरे-धीरे उसकी शक्ति तथा सत्ता का पतन होना आरंभ हो गया।

7. बाबर के समय इस पतन के लक्षण दृष्टिगोचर नहीं होते क्योंकि वह स्वयं एक विजेता की प्रतिष्ठा से आभूषित था। तथा उसको इतना कम अवकाश प्राप्त हुआ कि उसकी नीति के परिणाम स्पष्ट तौर पर प्रकट नहीं हो पाया।

8. दिल्ली तथा आगरा की वजह से जो धन प्राप्त हुआ था उसे उसने उदारता पूर्वक काट दिया था जिसके कारण राजकोष रिक्त हो गया था।

9. बाबर की धार्मिक विचारों और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास वा मान्यता रही है।

10. प्रत्येक नई वस्तु जो उसके समझ में आ जाती थी उसका बड़े उत्साह से निरीक्षक करता था।

11. पशु पक्षियों के संबंध में जो बात है उसे बताई जाती थी तर्कसंगत ना होने पर भी वह उस पर भी विश्वास करता था।

12. बाबर प्राकृत का अनंत प्रेमी था प्राकृतिक दृश्य उसे अत्याधिक आकर्षित करते थे।

13. काबुल के विवरण में उसने काबुल के रमणीयता कि भूर भूर प्रशंसा करी है।

14. उसने भारत की तीनों सेनाओं को बताया है कि या बहुत ही अच्छा देश है । इसकी पहाड़ियां , नदियां , मैदान , पशु पक्षी , भाषाएं , हवाएं एवं बरसाते हैं भिन्न भिन्न प्रकार की हैं।

15. उसने आम को सभी फलों से श्रेष्ठ बताया है । इसके अलावा अन्य फलों एवं अनेक पशु पक्षियों का विवरण भी प्रस्तुत किया है।

16. बाबरनामा में बाबर एक कवि के रूप में भी दृष्टिगोचर होता है । उसने अपनी कविताओं को दीवान के रूप में संकलित किया है।

17. वह फरमानों के हाथियों पर भी हाथियों पर भी शेर लिख दिया करता था।

18. बाबरनामा एवं दीवान के अतिरिक्त उसकी एक महत्वपूर्ण रचना मुबीर भी है।

19. वाह मुबुईयान नामक पद शैली का जनक भी माना जाता है।

20. उसने बाबरी नामक एक लिपि का आविष्कार भी किया और उस लिपि में एक कुरान लिखकर मक्का भी भेजा।

21. बाबर संगीत प्रेमी था उसका अधिकांश समय युद्धों में बीता किंतु अक्सर समय मिलने पर वह संगीत गोष्ठियों में भाग ले था तथा इन गोष्ठियों का आयोजन करता था।

22. बाबर की निर्माण कार्य में भी रुचि थी । उसने आगरा धौलपुर , सीकरी , ग्वालियर आदि में निर्माण कार्य करवाया।

23. उसने पानीपत में काबुली मस्जिद , बुंदेलखंड का संभल मस्जिद , अलीगढ़ में फीलखाना मस्जिद तथा अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया जिसमें मात्र प्रथम दो ही शेष हैं।

24. उसने आगरा में विशेष रुप से उद्यानों , भवनों एवं कुओं का निर्माण करवाया ।

25. बाबर की चित्रकला में भी रुचि थी । उसने अपनी आत्मकथा में एकमात्र चित्रकार बिहजाद का उल्लेख किया है।

26. वह चित्रकला को विकसित करना चाहता था किंतु कम समय तक ही गद्दी पर रहने के कारण वह इसे विकसित ना कर सका।

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